Tuesday 11 August 2020

Filled Under:

Hitory of Gautam Buddha In Hindi for UPSC, SSC AND STATE PSC गौतम बुद्ध का जीवन परिचय


बौद्ध धर्म 
गौतम बुद्ध का जीवन परिचय


  • जन्‍म - 563 ई.पू.
  • प्रतिक - कमल का पुष्‍प या सांड
  • मृत्‍यू - 483 ई्.पू.
  • जन्‍म स्‍थान - नेपाल के तहाई में, ग्राम - लुम्बिनी - कपिलवस्‍तु गणराज्‍य
  • निर्वाण स्‍थल - कुशीनारा, पूर्वी उत्‍तर प्रदेश
  • मूलनाम - सिद्धार्थ
  • पिता का नाम - शुद्धोधन, शाक्‍यागण के मुखिया थे
  • माता का नाम - जामाता, महामाया- कोलियवंशीय थी
  • पालन करने वाली माता का नाम - गौतमी
  • पत्नि का नाम - यशोधरा
  • पुत्र का नाम - राहुल
  • गृहत्‍याग - 29 वर्ष की उम्र में महाभिनिष्‍क्रमण
  • ज्ञान प्राप्‍ति - 6 वर्ष की तपष्‍या के पश्‍चात् 35 वषर् की आयु में निरंजना नदी के तट पर, पीपल वृक्ष के नीचे महाबोधी
  • धर्मचक्र प्रर्वतन - गौतम बुद्ध द्वारा ज्ञान प्राप्ति के पश्‍चात पॉच विद्याथियों को सारनाथ में जो उपदेश दिया उसे धर्मचक्र प्रवर्तन कहा गया।
  • बौद्ध के जीवन से सम्‍बंधित बौद्ध धर्म के प्रतीक
  • धटना - कमल एवं सांड
  • गृहत्‍याग - घोड़ा
  • ज्ञान - पीपल बोधि वृक्ष
  • निर्वाण - पद चिन्‍ह
  • मृत्‍यु - स्‍तूप
  • प्रथम - प्रवचन - चक्र


बौद्ध धर्म के सिद्धांत
1. त्रिरत्‍न - बुद्ध, धम्‍म, संघ
2. आष्‍टांगिक मार्ग - सम्‍यक् दृष्टि, सम्‍यक् कर्म, सम्‍यक् वाणी, सम्‍यक् स्‍मृति, सम्‍यक् व्‍यायाम, सम्‍य् आजीव, सम्‍यक् समाधि, सम्‍यक् संकल्‍प।इनके अनुसरण रो निर्वाण प्राप्‍त
किया जा सकता है।
3. अन्‍य उपदेश - अनीश्‍वरवाद, कर्मवाद, पुनर्जन्‍म, अनात्‍मवादी, निर्वाण, प्रतीक व्‍यसमुत्‍पाल, मध्‍यम प्रतिपदा/ मध्‍यम मार्ग।
मध्‍यम मार्ग - महात्‍मा बुद्ध ने अत्‍याधिक विलास और अत्‍याधिक संयम दोनों का विरोध किया है। उन्‍होने दोनों
के मध्‍य क मार्ग को उचित माना।
4. 10 शील - निर्वाण प्राप्ति हेतु सैनिक आचरण पर बल दिया गया है। उसके लिये उन्‍होंने 10 शील का विधान दिया - सत्‍य, अहिंसा, अस्‍तेय, अपरिग्रह, स्त्रियों के संसगर्
 का परित्‍याग, कोमल शय्या का परित्‍याग, असमय भोजन न करना, सुगंधित का परित्‍याग, नृत्‍य परित्‍याग।

बौद्ध धर्म की मान्‍यताऍ
1. अनीवरवादी
2. अनात्‍मवादी, किन्‍तु कर्म, कर्मफल व पुनर्जन्‍म की मान्‍यता
3. प्रतीत्‍यसतुत्‍पाद - जन्‍म-पुनर्जन्‍म का चक्र, जिसको महात्‍मा बुद्ध ने 12 चरण बतलाए है।
4. क्षणभंगुरवाद

१. प्रथम बौद्ध संगीति-
वर्ष - 483 ई.पू.
स्‍थान - राजगृह, सप्‍तपर्णिगुफा
शासक - अजातशत्रु
अध्‍यक्ष - महाकश्‍यप
विशेष - बौद्ध धर्म के दो पिटकों का संग्रह किया गया - 1. सुत्‍त, 2.विनय
२. द्व‍ितीय बौद्ध संगीति-
वर्ष - 383 ई.पू.
स्‍थान - वैशाली
शासक - कालाशोक
अध्‍यक्ष - सर्वकामी/ सब्‍बकामि
विशेष - बौद्ध धर्म दो संघ में विभाजन - 1. स्‍थावीर, (रूढि़वादी) 2. महासंवीर (प्रगतिशील)
३. तृतीय बौद्ध संगीति
वर्ष - 250 ई.पू.
स्‍थान - पाटलिपुत्‍त (मगध-पटना)
शासक - मोगलीपुत्‍त तिस्‍स
विशेष - अभिधम्‍य पीटक संगह किया गया।
     - तिस्‍स ने 'कथावस्‍तु' ग्रंथ की रचना की।
४. चतुर्थ बौद्ध संगीति
वर्ष - प्रथम शताब्‍दी ईसवीं, लगभग 100 शताब्‍दी ई.
स्‍थान - कुण्‍डलवन, कश्‍मीर
अध्‍यक्ष - वसुमित्र
उपाध्‍यक्ष - अश्‍वघोष
विशेष - बौद्ध धर्म दो सम्‍प्रदाय में बंट गया 1. हीनयान, 2. महायान
    - वसुमित्र द्वारा 'महाविभाष सूत्र' का संकलन

बुद्ध के जीवन से संबंधित घटनाएॅ व उनका संबोधन
1. गृहतयाग - महा‍भिनिष्‍क्रमण
2. ज्ञान प्राप्ति - सम्‍बोधि
3. उपदेश प्रदान - धर्मचक्र प्रवर्तन
4. मृत्‍यु - महापरिनिर्वाण

बौद्ध साहित्‍य
पीटक के नाम से जाना जाता है, यह 3 प्रकार के है
1. सुत्‍त पीटक - गौतम बुद्ध की शिक्षाओं का संकलन किया गया है, यह सर्वाधिक महत्‍वपूर्ण है, जिसके पॉच आय हैं ,
१. दीर्घ निकाय २. मस्सिम निकाय ३. संयुक्‍त निकाय ४. अंगुत्‍तर निकाय ५. खुद्दक निकाय(जातक कथाऍ)
2. विनय पिटक - बौद्ध भिक्षुओं के लिए निर्धारित अनुशासन का वर्णन
3. अभिधम्‍य पीब्‍क - बुद्ध के उपदेशों की व्‍याख्‍या और बुद्ध दर्शन से इसे संकलित किया गया है।

बौद्ध धर्म की मुख्‍य शिक्षाऍ -
1. वेदों की सर्वोच्‍चता का खण्‍डन
2. जाति प्रथा के दोषों का खण्‍डन
3. शूद्रों व नारियों के लिये निर्वाण संभव
4. मूर्तिपूजा का विरोध
5. अहिंसा


बौद्ध सम्‍प्रदाय
1. हीनयान - बुद्ध के उपदेदशों का कठोरता से पालन, इसे लघु चक्र भी कहा जाता है, इसका केन्‍द्र - कौशाम्‍बी
व्‍यम्क्तिगत निर्वाण पर बल। दक्षिण एशियाई देशों मे इसका प्रचलन
2. महायान - उदान एवं परिवर्तनशील, मूर्तिपूजा के समर्थक, बुद्ध को ईश्‍वर मानकर उसकी पूजा प्रारंभ कि गई, और पाली के स्‍थान पर संस्‍कृत भाषा का इस्‍तेमाल किया गया।
इसका केन्‍द्र - मथुरा, सभी के लिये निर्वाण की कामना और पूर्वी एशियाई देशों में प्रचलन

3. वज्रयान - शुरूआत सातवी शताब्‍दी में हुई।
तंत्रवाद से प्रभावित, केन्‍द्र पूर्वी भारत, बुद्ध की पत्नि के रूप में तारा की पूजा की जाती है।

संघ - बुद्ध ने अपनी शिक्षाओं के प्रसार के लिये संघ व्‍यवस्‍था आरंभ की
गणतंत्रात्‍मक प्रणाली पर आधारित
अल्‍पवयस्‍क, सैनिक, दास, चोर, हत्‍यारे, रोगी, ऋणी व्‍यक्ति सदस्‍य नहीं बन सकते।
तीन संकल्‍प प्रवेश के समय, इंद्रियनिग्रह, अपरिग्रह, श्रद्धा।

बौद्ध धर्म के अनुयायी शासक
1. बिम्‍बिसार 2. अजातशत्रु 3. अशोक 4. कनिष्‍क 5. हर्षवर्धन 6. उदयन  7. प्रसेनजीत (कोसल)

महत्‍वपूर्ण तथ्‍य
बौद्ध धर्म में महिलाओं का प्रवेश बुद्ध के प्रिय शिष्‍य आनंद के कहने पर किया गया।
प्रथम - माता गौतमी
बुद्ध के प्रिय शिष्‍य - आनंद, ऊपाली
बुद्ध के मित्र - बिम्बिसार ने बेलूवन आश्रम बनवाया।
बुद्ध के आरंभिक गुरू - अलार व उद्रक
बुद्ध की भूमि स्‍पर्श मुद्रा उनके जीवन की मारविजय घटना से संबंधित है।
बुद्ध ने अपने जीवन के सर्वाधिक उपदेश कोशल देश की राजधानी श्रावस्‍ती में दिये।
बुद्ध  ने सांसारिक दु:खों के संबंध में चार आर्य सतयों का उपदेश दिया 1. दु:ख 2. दु:ख समुदाय 3. दु: ख निरोध 4. दु:ख निरोधगामिनी प्रतिपदा।
प्रत्‍युतसमुत्‍पाद दु:ख समुदाय की व्‍याख्‍या है।
सिद्धार्थ जब कपिलवस्‍तु की सैर पर निकले तो उनका ह्रदय निम्‍न चार दृश्‍यों को देखकर द्रवित हुआ-
बूढ़ व्‍यक्ति, एक बीमार व्‍यक्ति, शव, एक सन्‍यासी
प्रथम उपदेश सारनाथ में दिया - पाॅच ब्राहण शिष्‍यों को - वाश्‍य, कौंडिण्‍य, अश्‍वजीत मार्ग की बात कही।
बुद्ध धर्म सांसारिक दू:खों से मुक्त्‍िा हेतू आष्‍टांगिक मार्ग की बात कही।
बौद्ध संघ में स्त्रियों के प्रवेश की अनुमति बुद्ध द्वारा वैशाली में दी गई थी।
विभिनन प्राचिन भातीय लिपियों का उल्‍लेख करने वाला बौद्ध ग्रंथ 'ललितविस्‍तार' है
रूम्‍मनदेई स्‍तम्‍भ बुद्ध के जन्‍म स्‍थान का सूचक है।

अन्‍य देर्शन
1) बौद्ध दर्शन - गौतम बुद्ध
2) जैन दर्शन - महावीर
3) अव्‍दैतावाद - शंकराचार्य
4) विशिष्‍टाव्‍दैतावाद - रामानुजाचार्य
5) व्‍दैताव्‍दैतवाद - निम्‍बकाचार्य
6) शुद्ध व्‍दैतावाद - वल्‍लभाचार्य

5 comments:

  1. Awsome this article is very nice
    You are doing great job,keep it up!
    Interesting stuff to read it is really helpfull..
    Srinagar best B.tech College

    ReplyDelete
  2. Wow It's really Nice Content
    Your articles are always so thoughtful.
    It always tells me about new things.
    Thanks a lot.
    Check the link given below
    b.tech college in Jehanabad
    Jehanabad best B.tech College
    top b.tech college in Jehanabad

    ReplyDelete
  3. Nice post with informative and good quality content. Thank you for sharing! Also check State Level Entrance exam.

    ReplyDelete
  4. 6/bed-entrance-exams-2022-forms-dates.html">wow!such a great content . i am surprised to see such a quality content here.

    ReplyDelete